नव वर्ष
नमन मंच
मेरे जज़्बात,
नव वर्ष
नव वर्ष है ये नई आशाओं नई उम्मीद की ये सुबह की है किरण ।
नव वर्ष लिया मैंने संकल्प दिल न किसी का दुखाऊ ।।
जानें अंजाने आहत किसी को न करूंगी ।
जो हो जाए यह भुल क्षमा मांग मैं लूंगी ।।
फर्ज़ अपना पुरा करूंगी
आड़े किसी को न आने
दूंगी ।।
करुणा दया भाव सदा मन रखूंगी ।
भूखा जो द्वार कोई आया तो थाली मेरे हिस्से की देने में संकोच न करूंगी ।।
मन सदभाव जगा रखूंगी सद्गुण से सदमार्ग चलूंगी।
जरूरतमंद की सहायता करने में जरा न देर करूंगी ।।
प्रेम की गंगा बहाना काम मेरा यह नेक काम करने किसी से सलाह न लूंगी ।
वर्षा उपाध्याय, खंडवा.
Gunjan Kamal
08-Jan-2024 08:26 PM
👏👌
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Rupesh Kumar
07-Jan-2024 08:18 PM
Nice
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नंदिता राय
06-Jan-2024 09:27 AM
Nice one
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